Buland kesari ;- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीयों के डिपोर्टेशन पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र की संधि के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य लीगल माइग्रेशन को बढ़ावा देना और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि अवैध अप्रवासी अमेरिका में अमानवीय परिस्थितियों में फंसे हुए थे, और उन्हें वापस भेजना जरूरी था।

डिपोर्टेशन कोई नई प्रक्रिया नहीं- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई प्रक्रिया नहीं है और यह लंबे समय से चल रही है। उन्होंने 2009 से अब तक के आंकड़े साझा किए, जिसमें हर साल अवैध अप्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा गया है। एस जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी नियमों के तहत ही यह कार्रवाई की गई है। जयशंकर ने कहा, “यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।”
अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों के बारे में राज्य सभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हम अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।”
Disclaimer:Buland Kesari receives the above news from social media. We do not officially confirm any news. If anyone has an objection to any news or wants to put his side in any news, then he can contact us on +91-98880-00404.