Bukand kesari;-भाजपा सांसद व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फिल्म इमरजेंसी के लिए कंगना रनोट और फिल्म के निर्माता को नोटिस भेज दिया है। वहीं, दूसरी तरफ किसान आंदोलन पर दिए विवादित बयान पर किसान भड़क चुके हैं और लगातार माफी की मांग कर रहे हैं।
हालांकि भाजपा मीडिया सेल ने खुद बयान जारी कर kangana ranot के बयान से पल्ला झाड़ा है। लेकिन पंजाब के किसान इस पर भी मानने को तैयार नहीं हैं। वहीं, एसजीपीसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि फिल्म इमरजेंसी के लिए कंगना रनोट व फिल्म निर्माता को नोटिस भेज दिया गया है। जबकि कुछ दिन पहले ही एसजीपीसी ने जी-स्टूडियो को ट्रेलर जारी करने के विरोध में नोटिस भेजा था।
कमेटी के कानूनी सलाहकार अमनबीर सिंह सियाली द्वारा भेजे गए नोटिस में कंगना रनोट समेत फिल्म के निर्माताओं से सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जारी ट्रेलर को हटाने और सिख समुदाय से लिखित माफी मांगने को कहा गया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है- मैं शंभू बॉर्डर से बोल रहा हूं। भाजपा पार्टी ने नेशनल लेवल पर कंगना रनोट के बयान पर किनारा कर लिया है। लेकिन, कंगना रनोट भाजपा की एमपी है, उस पर अनुशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए। अगर भाजपा ये मानती है कि ये बयान उचित नहीं है, गलत दिया गया बयान है। तो उन्हें कंगना रनोट पर अनुशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें बोलना चाहिए कि कंगना रनोट इस बयान पर खुद माफी मांगे और कंगना रनोट को खुद माफी मांगनी चाहिए।
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बीते दिनों दिल्ली के एयरपोर्ट पर एसकेएम गैर-राजनैतिक के नेताओं को कृपाण के कारण हवाई सफर करने से रोका गया। इसका भी किसानों ने विरोध किया है। वहीं, पंधेर ने कहा कि 31 अगस्त को आंदोलन-2 के 200 दिन पूरे होने पर पंजाब- हरियाणा के बॉर्डर पर इकट्ठ को बुलाया गया है। पंधेर ने देश के किसानों को बॉर्डरों पर बड़ी गिनती में पहुंचने के लिए कहा है।
राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन उगराहां पहले ही कंगना के बयान का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि अपनी सांसद के किसान विरोधी बयान के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी होगी। कंगना रनोट भी जब तक माफी नहीं मांगती, देश भर में उनका विरोध किया जाएगा। वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कंगना रनोट की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी कंगना के इस बयान का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना था कि भाजपा सरकार का पूरा मंत्र किसानों को बदनाम करने में जुटा है। किसानों को रेपिस्ट और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना शर्मानाक है। ये स्वीकार्य नहीं है। भाजपा सरकार किसानों से किए वादे पूरे करने में नाकाम रही है।
एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनोट ने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता।
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।
कंगना के बयान से पहले उनकी फिल्म इमरजेंसी भी विवादों में चल रही है। इसके लिए कंगना का पंजाब व अन्य राज्यों में पहले से ही विरोध चल रहा है। कंगना की ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी।
पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की। इसके अलावा श्री अकाल तख्त साहिब और एसजीपीसी ने भी इस फिल्म का विरोध किया। आरोप है कि कंगना की इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है।
ईसाई से सिख बने विक्की थॉमस की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें फिल्म इमरजेंसी के लिए कंगना को धमकी दी गई है। वायरल वीडियो में विक्की थॉमस धमकाते हुए कह रहा है- ”इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी दिखाया गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। जिसकी फिल्म कर रही है, उसकी क्या सेवा होगी। सतवंत सिंह और बेअंत सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने वाले) कौन थे, वे रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना। ये मैं दिल से बोल रहा हूं, क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है, वे उंगली ही झटका (काट) देते हैं हम। वो संत (जरनैल सिंह भिंडरांवाला) के लिए हम अपना सिर कटवा भी देंगे। अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं।”
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