Buland kesari:- जालंधर से बड़ी खबर सामने आ रही है। जालंधर में करीब 10 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद उच्च अधिकारियों ने 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाने के आदेश दिए गए हैं।
हिसाब किताब में गड़बड़ी पाई गई
एनएचएम (NHM) के डायरेक्टर द्वारा सिविल सर्जन जालंधर (Civil Surgeon Jalandhar) को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019 से 2022 तक सिविल सर्जन ऑफिस द्वारा जिला स्तर पर जो की चीजें खरीदी गई, उसके हिसाब किताब में गड़बड़ी पाई गई। ये गड़बड़ी कम नहीं बल्कि करीब 9 करोड़ 86 लाख रुपए की है।
9.86 करोड़ की हेराफेरी
कमेटी की एक बैठक में तत्कालीन सिविल सर्जन ने कहा कि सिविल सर्जन दफ्तर जालंधर के पास वित्तीय वर्ष 2019 से 22 तक की गई 9.86 करोड़ रुपए की परचेज का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पत्र में लिखा गया है कि जब यह सारा मामला सरकार के नोटिस में लाया गया।
जिसके बाद उसने निर्देश दिए कि सिविल सर्जन मामले की जांच के बाद आरोपी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 15 दिन के भीतर मामला दर्ज किया जाए। जिसके बाद सरकार इस सारे मामले को सरकार से अवगत करवाएगी।
घोटालेबाज अफसर विदेश भागा
जानकारी के अनुसार गबन में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी काम छोड़ कर विदेश जा चुका है। गबन के बाद वह साल 2023 में विदेश चला गया था। इसके अलावा इस अवधि के दौरान 4 सिविल सर्जनों ने कार्यभार संभाला था।
मीडिया से बातचीत में जालंधर की सिविल सर्जन डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। “इसके अलावा, मैं एनएचएम से प्राप्त धन और उसी अवधि के दौरान इसके उपयोग से संबंधित सभी आधिकारिक फाइलों की जांच कर रही हूं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही जालंधर में नई सिविल सर्जन द्वारा जॉइनिंग की गई है।
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