Buland kesari ;- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से 7 नवंबर (गुरुवार) को फोन पर बात की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध और उसके समाधान पर चर्चा की। ट्रंप ने पुतिन से युद्ध को बढ़ाने से बचने की सलाह दी और रूस को चेतावनी दी कि यूरोप में अमेरिका की सेना की मजबूत उपस्थिति है।
इसके अलावा, दोनों ने उपमहाद्वीप में शांति बनाए रखने और यूक्रेन संकट को हल करने के तरीकों पर भी विचार किया। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सरकार को इस कॉल के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन यूक्रेन ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। हालांकि, यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने इसे झूठा बताया और कहा कि उन्हें इस कॉल की कोई जानकारी पहले से नहीं दी गई थी।
क्रेमलिन ने इस बातचीत की पुष्टि की है, लेकिन कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि रूस अपनी मांगों को बदलने के लिए तैयार है। रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो से जुड़ने का अपना इरादा छोड़ दे और चार विवादित क्षेत्रों को रूस के कब्जे में रहने दे।हालांकि, इस कॉल की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, और बड़ी खबर एजेंसियों ने भी इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है। इस मामले की स्थिति पर निकट भविष्य में ध्यान देना जरूरी होगा, क्योंकि यूक्रेन और रूस के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है।
रूस ने युद्ध समाप्त करने को रखी शर्तें
रूस ने 14 जून को यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए अपनी शर्तें पेश की थीं। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन को अपनी नाटो (NATO) में शामिल होने की योजना छोड़नी होगी और रूस द्वारा कब्जे किए गए चार क्षेत्रों से अपने सभी सैनिकों को हटाना होगा।
यूक्रेन ने इन शर्तों को ठुकरा दिया, और राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इसे आत्मसमर्पण के बराबर बताया। उन्होंने एक “विजय योजना” पेश की, जिसमें पश्चिमी देशों से अतिरिक्त सैन्य सहायता की मांग की गई थी, ताकि यूक्रेन रूस के खिलाफ संघर्ष जारी रख सके।
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