Buland kesari ;- दिल्ली चुनावों के बाद पंजाब को लेकर भाजपा न सिर्फ उत्साहित है, बल्कि 2027 में सरकार बनाने के लिए भी पूरी कान्फीडैंट है, जिसके कारण पार्टी में इन दिनों अंदरखाते कई तरह की गतिविधियां चल रही हैं। इन गतिविधियों में भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी व पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, पंजाब भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री श्री मंथरी श्रीनिवासलु अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अध्यक्ष की गैर हाजिरी में दोनों नेताओं ने निभाई अहम भूमिका
पिछले कुछ समय से पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के पार्टी को भेजे इस्तीफे की चर्चाएं काफी गरम हैं और उसके बाद से वह लगातार बैठकों से गायब रहे हैं। पार्टी इस स्थिति में लोकसभा चुनाव, विधानसभा तथा निकाय चुनावों का दौर आया, लेकिन अध्यक्ष की कमी पार्टी को इसलिए नहीं खली क्योंकि विजय रुपाणी से लेकर श्री निवासलु ने इस पूरी स्थिति में पार्टी के वर्करों को महसूस नहीं होने दिया कि वे लोग अध्यक्ष की गैर हाजिरी में चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने पिछले कुछ समय में वोट शेयर में ग्रोथ हासिल की है। 6 प्रतिशत से आंकड़े पर लुढ़क चुकी भाजपा पंजाब में अब 18 प्रतिशत वोट शेयर का दावा कर रही है।
केंद्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष के साथ टयूनिंग का मिल रहा फायदा
विजय रुपाणी तथा श्रीनिवासलु की टीम की केंद्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष के साथ अच्छी टयूनिंग है, जिसका फायदा पंजाब भाजपा को हो रहा है। इस टयूनिंग के कारण ही राज्य में टिकट आबंटन से लेकर अन्य पहलुओं तक तरीके से काम किया गया ताकि पार्टी को सफल बनाया जा सके। जो पार्टी चुनावों में कैंडीडेट तलाशने के लिए कई लोगों की मिन्नतें करती देखी जाती है, वह पार्टी कम से कम इतनी कान्फीडैंट तो हो गई, कि दावा करने लगी कि 2027 में पंजाब में भाजपा की सरकार बनेगी। 2027 के विधानसभा चुनावों में क्या होगा, यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन पंजाब में जो टीम काम कर रही है, वह ऐसे ही लगी रही तो संभवतः सफलता मिल सकती है।
लोगों को अपने पक्ष में करना अभी भी बड़ा चैलेंज
पंजाब में भाजपा के पास सामने इस समय सबसे बड़ा चैलेंज गांवों में जाकर लोगों को अपने पक्ष में करना तथा जीतने वाले कैंडीडेट मैदान में उतारना है। यह चैलेंज कैसे पूरा होगा, यह अभी तक कोई नहीं जानता। लेकिन हाल ही के लोकसभा चुनावों तथा उसके बाद विधानसभा चुनावों में उक्त टीम ने गांवों में जाकर लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। यह कोशिश बेशक पूरी कामयाब नहीं रही, लेकिन एक शुरूआत हो गई, जिसे अब आगे बढ़ाना तभी संभव होगा, अगर यही टीम अगली जिम्मेदारी संभाले। शायद पंजाब भाजपा में कुछ लोग नहीं चाहते कि पार्टी आगे बढ़े, जिस कारण से उक्त नेताओं को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
दूसरे दलों के कई नेता श्रीनिवासलु के संपर्क में
सूत्रों से खबर मिली है कि दूसरे दलों के कई नेता भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक चुनावी मौसम का इंतजार किया जा रहा है। खास कर यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेता तो इस मामले में अपनी हामी भी भर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि दूसरे दलों के करीब आधा दर्जन लोग श्रीनिवासलु के संपर्क में हैं और संगठन मंत्री के साथ चाय काफी का सैशन भी हो चुका है। बेशक पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि संगठन मंत्री का दूसरे दल के लोगोंके साथ उठना बैठना ठीक नहीं है, लेकिन अगर प्रदेश अध्यक्ष की गैर मौजूदगी में पार्टी के पक्ष में कोई काम हो रहा है तो इसमें कोई गलत नहीं है।
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