jalandhar(bulamd kesari) देश की नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने खुद दी है। जिसमें उन्होंने नागरिकता छोड़ने के पीछे निजी कारण बताए हैं।विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी पंजाब के सांसद राघव चड्ढा द्वारा राज्यसभा में सवाल पूछे जाने के बाद दी है।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी। जबकि 2020 में 85256, 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 लोगों ने नागरिकता छोड़ने का फैसला किया। पिछले साल 2023 में 2 लाख 16 हजार लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी थी।
भारत के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति है प्रवासी
विदेश मंत्रालय का कहना है कि सरकार ज्ञान अर्थव्यवस्था के युग में वैश्विक कार्यस्थल की क्षमता को पहचानती है। प्रवासी भारतीयों के साथ इसके जुड़ाव में भी एक परिवर्तनकारी बदलाव आया है। एक सफल, समृद्ध और प्रभावशाली प्रवासी भारत के लिए एक संपत्ति है।
भारत को अपने प्रवासी नेटवर्क का दोहन करने और ऐसे समृद्ध प्रवासी लोगों से मिलने वाली सॉफ्ट पावर के उत्पादक उपयोग से बहुत कुछ हासिल करना है। सरकार के प्रयासों का उद्देश्य ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने सहित प्रवासी लोगों की क्षमता का पूरा उपयोग करना भी है।
अमेरिका जा रहे हैं अधिकांश भारतीय
अधिकांश भारतीय नागरिकता छोड़कर अमेरिका जा रहे हैं। 2018 से 2023 के मध्य तक, भारत से 3,28,619 भारतीयों ने अमेरिकी नागरिकता ली। जबकि 1,61,917 ने कनाडाई और 1,31,883 ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता हासिल की है।
जानें किस देश में कितने भारतीयों ने ली नगारिकता
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