प्रयागराज (बुलंद केसरी): उत्तर प्रदेश में किस प्रकार से कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है इसका एक बड़ा सबूत आज उस समय देखने को मिला जब भारी पुलिस बल के बीच मौजूद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन हमलावरों ने सरेआम गोलियां मार के हत्या कर दी।
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जानकारी के अनुसार तीनों हमलावर पत्रकारों के भेष में प्रयागराज में पहुंचे थे। जहां अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस मेडिकल चेकअप के लिए लेकर जा रही थी, तभी तीनों हमलावरों ने अचानक अतीक अहमद और उसके भाई पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। अतीक अहमद के सिर पर पहली गोली मारी गई। उसके बाद तकरीबन 20 गोलियां दोनों को मारी गईं। दोनों भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान एक न्यूज़ एजेंसी के पत्रकार को भी चोट आई है जिसे इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया है।
अतीक अहमद और उसके भाई पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने के बाद तीनों हमलावरों ने जय श्रीराम के नारे लगाए और खुद को पुलिस के आगे हाथ खड़े करके सरेंडर कर दिया।
योगी राज में उत्तर प्रदेश में हुए इतने बड़े कत्ल कांड के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस सारे मामले की न्यायिक जांच के लिए आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं और सीएम निवास पर हाई लेवल मीटिंग भी बुला ली है।
वहीं दूसरी ओर विरोधी राजनीतिक पार्टियों ने भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार पर हमले बोलने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि अतीक अहमद द्वारा लगातार यह कहा जा रहा था कि उसकी जान को खतरा है। 2 दिन पहले अतीक के बेटे का एनकाउंटर यूपी पुलिस ने किया था। जिस पर भी सवालिया निशान लग रहे थे परंतु अतीक अहमद और उसके भाई की जिस प्रकार से हत्या की गई है वह महज अतीक की हत्या नहीं है। यह उत्तर प्रदेश में कानून की हत्या हुई है।
फिलहाल आनन-फानन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अतीक अहमद की सुरक्षा में तैनात सतारा पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
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