बजट 2023-24 मोदी सरकार2.0 का आखिरी पूर्ण बजट था. टैक्स में तगड़ी छूट देकर सरकार ने बड़ा चुनावी दांव चल दिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ाकर एजेंडा सेट कर दिया है.
9 राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार ने एजेंडा सेट कर दिया है. इनकम टैक्स भरने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत देने के साथ ही पीएम आवास योजना का भी बजट बढ़ा दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बजट भाषण में ऐलान किया है कि पुराने टैक्स सिस्टम के साथ-साथ अब नया टैक्स सिस्टम लागू होगा. नए सिस्टम के तहत 7 लाख तक की आय में टैक्स नहीं देना पड़ेगा. करदाता के पास पुराने टैक्स सिस्टम को चूज करने का ऑप्शन रहेगा.
देश में 8 करोड़ लोग टैक्स देते हैं और जिन राज्यों में चुनाव है, वहां इनकी संख्या 1 करोड़ 33 लाख के करीब है. जिस तरह से टैक्स घटाया है उस हिसाब से अधिकतम 33800 रुपये तक लोगों को फायदा होने जा रहा है. जाहिर है इसका फायदा सीधे तौर न सिर्फ टैक्स देने वालों को होगा, हाथ में पैसा बढ़ेगा तो खपत भी बढ़ेगी. इसका नतीजा ये होगा कि अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे.
चुनाव से पहले टैक्स में छूट हाल ही के दिनों में मोदी सरकार का अब तक सबसे बड़ा फैसला है जिससे लोगों को सीधा फायदा मिलने जा रहा है. इसके साथ ही साल 2015 में शुरू की गई पीएम आवास योजना पर मोदी सरकार ने बजट बढ़ा दिया है. इस योजना ने बीते लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के ऐलान के मुताबिक पीएम आवास योजना में पिछले बजट की तुलना में 66 फीसदी ज्यादा फायदा हुआ है. साल 2022-23 में इस योजना में 48 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. इस बार के बजट में 79 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
पीएम आवास योजना प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है. सरकार की ओर से मिले आकंड़ों के मुताबिक अब तक 2.95 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत घर देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 2.49 करोड़ लोगों को इसका फायदा पहुंचाया जा चुका है. इसके साथ ही दिसंबर 2022 में 2.10 करोड़ घर तैयार किए जा चुके हैं. इस योजना का ही असर था जिसकी वजह से महिलाओं ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जमकर वोट दिया था. कुल मिलाकर जो माना जा रहा था वही हुआ. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव का एजेंडा आर्थिक मोर्चे पर सेट कर दिया है.
बता दें कि इस साल मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में होगा.
हालांकि मोदी सरकार के इस बजट से विपक्ष के नेता खुश नहीं है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘न किसान, न जवान और न नौजवान, इस बजट में नहीं है कोई प्रावधान, अमृतकाल में अमृत के लिए तरह रहा है आम इंसान, पूंजीपतियों के लिए लूट हुई आसान.’
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी दोनों को और बढ़ाता है. अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.’
बीएसपी नेता मायावती ने कहा, ‘केन्द्र सरकार जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे यह जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं. उनके लिए बातें ज्यादा हैं. बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर.
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