केंद्र सरकार ने सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा की बैठक बुलाई गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके समकक्ष मनोहर लाल खट्टर चार जनवरी को दिल्ली में इसे लेकर मुलाकात करेंगे। केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच चल रहे जल विवाद से निपटने के लिए बातचीत का दौर शुरू कर दिया है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इस बैठक के बारे में पंजाब और हरियाणा सरकार को अनौपचारिक रूप से सूचित कर दिया है और बताया जा रहा है कि औपचारिक निमंत्रण पत्र कल मिलने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा का जल विवाद इस समय सुप्रीम कोर्ट में है। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे का हल निकालने का निर्देश दिया था। इसी के मद्देनजर 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों की बैठक भी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी, जिसे लेकर खुद केंद्र सरकार दोनों राज्यों की बैठक कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि दोनों राज्य इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाएं। पहला प्रयास पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने चंडीगढ़ में बैठक कर किया और यह बैठक बेनतीजा रही। अब केंद्र सरकार ने प्रयास शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 8 अप्रैल 1982 को कपूरी गांव में सतलुज यमुना लिंक नहर का शिलान्यास कर निर्माण कार्य की शुरुआत की थी।
पानी के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल ने भी मोर्चा खड़ा किया था। लंबे समय से पानी की समस्या कई चरणों से गुजरी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2004 में हुए जल समझौते को रद्द कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल भाजपा गठबंधन मंत्रालय ने सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए अधिग्रहित भूमि को वापस करने के प्रयास शुरू कर दिए थे। ताजा जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार ने 4 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक की तैयारी कर ली है ताकि केंद्रीय बैठक में पंजाब का पक्ष मजबूती से रखा जा सके।
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