ग्यासपुरा में 11 लोगों की मौत होने के मामले में जहां जिला प्रशासन द्वारा मैजिस्ट्रेट जांच करवाने की घोषणा की गई है, वहीं हादसे की वजह जानने के लिए पुलिस द्वारा एस.आई.टी. का गठन करने के बाद अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने 8 विभागों की कमेटी बना दी है।
इसके मद्देनजर एन.जी.टी. ने कहा कि इस हादसे के पीछे की स्पष्ट वजह जरूर सामने आनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटना न हो, उसके लिए पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए एन.जी.टी. द्वारा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन की अगुवाई में 8 विभागों के अफसरों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है जिसको एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी।
ग्यासपुरा हादसे के बाद सी.एम. भगवंत मान द्वारा मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख देने व बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी केंद्र सरकार द्वारा भी इतना ही मुआवजा देने की घोषणा की गई लेकिन अब एन.जी.टी. ने पंजाब में लुधियाना के जिलाधिकारी को उन 11 लोगों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए देने के आदेश दिए है, जिनकी जहरीली गैस के रिसाव के कारण मौत हो गई थी। जबकि घायलों को उनकी बीमारी की गंभीरता के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। इसके लिए कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले व पर्यावरण संरक्षण के नियमों के उल्लंघन से जुड़े केसों में पिछले समय दौरान एन.जी.टी. द्वारा जारी आदेशों का हवाला दिया गया है।
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