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Buland kesari;-हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इस बार वोटिंग 1 अक्टूबर को होनी है। सारी विधानसभा सीटों पर प्रचार जोरों पर है। सभी पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से एक है पानीपत सिटी सीट। इस सीट के गठन के बाद से यहां बीजेपी को हमेशा हार मिली। मोदी लहर में पहली बार हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में बीजेपी इस सीट पर 32 साल के बाद जीत हासिल कर पाई थी।
पानीपत सिटी विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदनलाल को मात दी थी। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की।
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेह चंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे।
देवीलाल के दौर में भी नहीं हिली कांग्रेस
1987 में बलबीर पाल शाह चुनाव जीते। उनका राजनीतिक कद इस साल बहुत बढ़ गया था क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचा ली थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था।
निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। 2019 में भी बीजेपी यह सीट जीती थी।
पानीपत सिटी विधानसभा सीट रिजल्ट 2019
पार्टी
प्रत्याशी
वोट
बीजेपी
प्रमोद कुमार विज
76,863
कांग्रेस
संजय अग्रवाल
37,318
जेजेपी
जयदेव नौलथा
2,246
बीएसपी
रमेश सिंगला
1,787
पानीपत सिटी विधानसभा सीट रिजल्ट 2014
पार्टी
प्रत्याशी
वोट
बीजेपी
रोहिता रेवारी
92,757
कांग्रेस
वीरेंद्र कुमार शाह
39,036
आईएनएलडी
नीलम नारंग
2,630
बीएसपी
धरम पाल गुप्ता
1,321
पानीपत सिटी विधानसभा सीट रिजल्ट 2009
पार्टी
प्रत्याशी
वोट
कांग्रेस
बलबीर पाल शाह
36,294
बीजेपी
संजय भाटिया
24,135
आईएनएलडी
सुरेश मित्तल
21,949
HJC(BL)
विनोद वाधेरा
5,953
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