Buland kesari;-देश में मूर्ति की राजनीति कोई नई बात नहीं। हालांकि महाराष्ट्र में इसके मायने थोड़े अलग हैं। बात कुछ साल पहले की है जब साल 2018 में महाराष्ट्र विधानसभा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक का मुद्दा उठा था। कांग्रेस ने अरब सागर में बनाए जाने वाले स्मारक में शिवाजी महाराज की प्रतिमा छोटी करने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। स्मारक को लेकर कुछ और विवाद हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। वह प्रोजेक्ट अभी अटका है। हालांकि बाद बीते कुछ वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति काफी बदल चुकी है। कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव से पहले सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर जमकर राजनीति देखने को मिल रही है। विपक्ष के सवालों के बीच आज यानी शुक्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांग ली। मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं- पीएम मोदी
पिछले साल चार दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। मूर्ति के गिरने के बाद विपक्षी दल खासकर कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि जल्दबाजी में मूर्ति का निर्माण कराया गया ताकि चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सके। विपक्ष के सवालों के बीच महाराष्ट्र पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि शिवाजी हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। शिवाजी हमारे अराध्य देव हैं। सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2013 में जब बीजेपी ने उन्हें पीएम उम्मीदवार बनाया था तो सबसे पहले उन्होंने रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि पर जाकर एक भक्त की तरह नई शुरुआत की थी। मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि वो उनके लिए भगवान हैं।
शिवाजी और मराठा राजनीति
महाराष्ट्र में अब उद्धव ठाकरे और बीजेपी दोनों साथ नहीं हैं। आने वाले चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) आमने-सामने होंगे। मराठी मानुष के लिए कोई सबसे महत्वपूर्ण है या यूं कहें की बड़ा आइकॉन तो वो हैं शिवाजी महाराज। महाराष्ट्र में जब तक बाला साहब ठाकरे जैसे नेता थे मराठी मानुष का झुकाव शिवसेना की ओर रहा। अब शिवसेना में भी दो गुट हैं। एक गुट बीजेपी के साथ है। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद बीजेपी ने इस वोट बैंक में अच्छी खासी सेंध लगाई है। मोदी जैसे नेता का लाभ बीजेपी को महाराष्ट्र में मिला और उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों को पता है कि कुछ ही दिनों में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव उसके लिए आसान नहीं। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद चुनौती बढ़ी है। शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद जो बवाल मचा है उसे नरेंद्र मोदी ने कहीं न कहीं माफी मांगकर शांत करने की कोशिश की है।
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