Buland kesari ;- मोहाली गांव मोहाली के लोग पिछले कई दिनों से पेट की बीमारी से जूझ रहे हैं और लोगों ने जब निजी लैब से पानी की जांच करवाई तो पता चला कि पानी ठीक नहीं है जिस कारण वह बीमार पड़ रहे हैं। लोगों को उल्टी, दस्त आदि की शिकायत हो रही है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि गांव में डायरिया रोग फैलने का खतरा है। गांव के पार्षद रविंदर सिंह के अनुसार पिछले कई दिनों से गांव के लोग पेट की बीमारियों से परेशान हैं और शुरू में सभी ने सोचा कि शायद मौसम में बदलाव के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि कई दिनों से पेट संबंधी समस्या के कारण जब लोगों को पानी के दूषित होने का संदेह हुआ तो अपने स्तर पर पानी की जांच शुरू कर दी। जब नमूने निजी प्रयोगशाला में भेजे गए तो पता चला कि पानी दूषित था। इस मामले की जानकारी किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इस बीच, जब मोहाली के गांव में लोगों के बीमार पड़ने की खबर प्रशासन को मिली तो प्रशासन ने लोगों की जांच के लिए पब्लिक हैल्थ और मोहाली कार्पोरेशन की टीमें भेजीं। घर-घर जाकर पानी के नमूने एकत्र किए गए और परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजे गए। 
इस बीच निगम ने गांव के नालों और बरसाती नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। वहीं मोहाली की डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के अनुसार जैसे ही मामला उनके ध्यान में आया, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। वहां पहुंचते ही उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए। गांव में नल का पानी पीने पर रोक लगा दी है और विभाग ने पानी के प्रदूषण से संबंधित समस्या का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। गांव में तीन पानी के टैंकर भेजे गए हैं। 
उन्होंने कहा कि विभिन्न घरों से दोबारा पानी के नमूने लिए गए, जिनकी रिपोर्ट बुधवार तक आएगी। निगम मोहाली के कमिश्नर को इस मामले संबंधी पूरी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। डी.सी. कोमल मित्तल ने मोहाली गांव के निवासियों से अपील की है कि समस्या का समाधान होने तक वे केवल टैंकर का पानी ही इस्तेमाल करें।
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