Buland kesari ;- पंजाब में ड्रग रैकेट मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मजीठिया को एक बार फिर जांच में शामिल किया है। जांच में उनसे रैकेट से जुड़े और गंभीर सवाल किए जाएंगे।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चार मार्च को की गई सुनवाई के दौरान बिक्रम सिंह मजीठिया को जांच टीम (SIT) के सम्मुख पेश होने का आदेश जारी किया गया है। इससे पूर्व जांच टीम कई बार बिक्रम सिंह मजीठिया से पूछताछ कर चुकी है।
बिक्रम सिंह मजीठिया ड्रग तस्करी के मामले में आरोपित हैं। उन पर ड्रग तस्करी में सम्मिलित होने का आरोप लगा है। मामले की जांच पंजाब पुलिस की विशेष टीम द्वारा की जा रही है।
यह मामला 6 हजार करोड़ का ड्रग्स रैकेट से जुड़ा है। मार्च 2013 में कनाडा के एनआरआई अनूप सिंह काहलों को फतेहगढ़ साहिब से गिरफ्तार किया गया था। इसी के बाद हजारों करोड़ के इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था।
इस मामले के तार बिक्रम सिंह मजीठिया से उस वक्त जुड़े जब पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला को पकड़ा गया। बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने रैकेट में बिक्रम सिंह मजीठिया के शामिल होने का आरोप लगाया था।
मजीठिया पर 70 लाख रुपये के लेन-देन के आरोप
चहल ने कथित रूप से पूछताछ में बताया था कि कनाडा के एनआरआई सत्ता को भारत आने पर दो गनर और ड्राइवर मुहैया कराए जाते थे। यही नहीं बिक्रम सिंह मजीठिया पर हवाला के जरिए 70 लाख रुपयों के लेन-देन का भी आरोप लगा था।
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सत्ता आने के बाद सरकार ने इस केस को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को सौंपा था। इसी टीम के सम्मुख मजीठिया पेश होंगे।
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