चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने रविवार को उन लोगों के ठिकानों पर राज्यव्यापी छापेमारी की, जिन पर गत कुछ वर्षों के दौरान गौ हत्या एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह छापेमारी डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डी.जी.पी.) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों पर की गई थी।
स्पैशल डी.जी.पी. लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने बताया कि राज्यभर में प्रात: काल 9 से शाम 4 बजे तक सिंक्रोनाईजड ढंग से कार्रवाई की गई। सभी सी.पीज./एस.एस.पीज. को इंस्पैक्टरों/सब-इंस्पैक्टरों (एस.आईज.) के अधीन टीमें तैनात करने के लिए कहा गया था। जिससे वह गौ हत्या के मामलों में शामिल लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की जाए। जिससे उनकी मौजूदा स्थिति की जांच की सके।
भविष्य में भी जारी रहेंगे ऐसे अभियान
पुलिस की 132 टीमें, जिनमें 900 पुलिस कर्मी शामिल थे, ने गौ हत्या केस में नामजद 185 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। जानकारी अनुसार पंजाब पुलिस ने 2016 से अब तक राज्य में गौ हत्या एक्ट के अंतर्गत 319 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं। स्पैशल डी.जी.पी. ने कहा कि इस कार्रवाई को अंजाम देने का उद्देश्य उल्लंघना करने वालों पर नजर रखना था। जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि वह किसी किस्म की समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छापे आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि गायों को मारने/काटने की गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पुलिस की तरफ से बख्शा नहीं जाएगा क्योंकि बा-कानून पुलिस बल गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वचनबद्ध है। ज्ञात रहे ऐसी कार्रवाईयां समाज विरोधी तत्वों में डर पैदा करने और आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने में भी मदद करती हैं।
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