भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर नगा राजनीतिक समस्या को लेकर नगालैंड की जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि अगर मौका दिया गया तो वह राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यहां चुनावी रैली में कहा कि दशकों पुराने नगा मुद्दे का समाधान कांग्रेस के घोषणापत्र की शीर्ष प्रतिबद्धताओं में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी नीत सरकार के पास नगा राजनीतिक मुद्दे के सहमत समाधानों को लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है और उसने नगालैंड और देश के लोगों को भी धोखा दिया है।” नागरिक संस्थाओं द्वारा राजनीतिक समाधानों को लागू करने की मांग का उल्लेख करते हुए खरगे ने दावा किया कि राज्य सरकार इस बहाने से रणनीति में देरी कर रही है कि और अधिक बातचीत की जरूरत है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अगस्त, 2015 को घोषणा की थी कि नगा मुद्दे को नगा समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ हल किया गया है जिसे बाद में एनएससीएन-आईएम के साथ प्रारूप समझौते के रूप में नाम दिया गया था। लेकिन करीब आठ साल बाद यह खोखले दावे बनकर रह गया है।” दशकों पुरानी समस्या का समाधान खोजने के लिए केंद्र 1997 से एनएससीएन-आईएम और सात समूहों वाले नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ 2017 से अलग-अलग बातचीत कर रहा है।
मोदी नीत सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में एनएनपीजी के साथ सहमति बनी। हालांकि, एनएससीएन-आईएम नगा के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा है जिससे अंतिम समाधान नहीं निकला है। नगालैंड चुनाव के लिए 14 फरवरी को भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा था कि नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान अंतिम चरण में है क्योंकि नरेंद्र मोदी नीत सरकार इस पर लगातार काम कर रही है।
हालांकि, घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं है। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान खोजने की प्रक्रिया शुरू की थी, यह दावा करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘अब भी, यह हमारे चुनाव घोषणापत्र में सर्वोच्च प्रतिबद्धताओं में से एक है।” राज्य के छह जिलों को मिलाकर अलग राज्य की मांग कर रहे ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) का नाम लिए बिना खरगे ने दावा किया कि भाजपा नगालैंड में विभाजन पैदा करने पर तुली हुई है।
न्होंने आरोप लगाया कि नगालैंड को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 371ए को निरस्त करने से ‘‘समान नागरिक संहिता के आसान कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा, जो भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का मुख्य आधार है।” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा की राजनीति का उद्देश्य नगाओं की देशी और अनूठी संस्कृति को नष्ट करना है।”
खरगे ने कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस पूर्वी नगालैंड क्षेत्र के विकास के उपायों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को अपना मिनी सचिवालय और स्कूली शिक्षा निदेशालय मिलेगा, अविकसित क्षेत्रों के विभाग को त्वेनसांग में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि भारत और म्यांमा की सरकारों के बीच बातचीत शुरू की जाएगी। राज्य में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होंगे और मतगणना दो मार्च को होगी।
Disclaimer:Buland Kesari receives the above news from social media. We do not officially confirm any news. If anyone has an objection to any news or wants to put his side in any news, then he can contact us on +91-98880-00404.