पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग व अन्य सीनियर लीडर्स पिछले कुछ दिनों से पार्टी की मजबूती के लिए वर्करों को एकजुटता का पाठ पढ़ा रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। इसका सबूत शनिवार को पटियाला जेल से नवजोत सिद्धू की रिहाई के समय देखने को मिला, जहां कांग्रेस 2 खेमों में बंटी नजर आई, क्योंकि इस दौरान कई पूर्व सांसद, विधायक व अन्य बड़े नेता सिद्धू के स्वागत के लिए पहुंचे हुए थे लेकिन राजा वड़िंग के साथ पंजाब में मौजूद इंचार्ज हरीश चौधरी ने भी सिद्धू की वापसी से जुड़े समारोह से दूरी बनाए रखी और बठिंडा में मीटिंग में शामिल होने के लिए चले गए।
हालांकि कुछ दिनों पहले पटियाला जेल से ही पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को जमानत मिलने पर राजा वड़िंग खुद व कई मौजूद व पूर्व विधायक उन्हें लेने गए थे इससे पहले भी राजा वड़िंग द्वारा कई बार आशु से मुलाकात के दौरान पटियाला जेल में सिद्धू से न मिलने की बात सामने आई है जिससे साफ हो गया है कि सिद्धू व राजा वड़िंग के रिश्ते ठीक नहीं हैं।
इसके संकेत राजा वड़िंग के साथ हरीश चौधरी भी पहले सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए हाईकमान से सिफारिश करने के अलावा प्रियंका गांधी द्वारा सिद्धू को जेल में चिट्ठी लिखने के मुद्दे पर भड़ास निकाल कर दे चुके हैं और कई बार नाम लिए बगैर सिद्धू को निशाना बनाते हैं। अब सिद्धू द्वारा जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह से भगवंत मान व केंद्र सरकार पर हमला करने के साथ ही राहुल गांधी के हक में आवाज बुलंद की है, उससे साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में सिद्धू और सक्रिय होंगे और इस दौरान उनकी राजा वड़िंग के साथ खींचतान बढ़ सकती है।
Disclaimer:Buland Kesari receives the above news from social media. We do not officially confirm any news. If anyone has an objection to any news or wants to put his side in any news, then he can contact us on +91-98880-00404.