महंगाई को लक्षित दायर में रखने के लक्ष्य पर नजर टिकाये रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आज विकास अनुमान को यथावत बनाये रखने और महंगाई के अनुमान को बढ़ाते हुये नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया, जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में बढोतरी नहीं होगी। समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में लिए गये निर्णयों की मुख्य बातें इस प्रकार है:
- रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
- उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान जारी रहेगा।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
- मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया।
- टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में उछाल से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति पर दबाव।
- नई फसल की आवक से सब्जियों की कीमतों में सुधार की उम्मीद।
- आरबीआई ईएमआई-आधारित फ्लोटिंग ब्याज दरों को नए सिरे से निश्चित करने में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
- कर्ज लेने वालों को निश्चित ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी।
- यूपीआई भुगतान में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया।
- यूपीआई-लाइट में ऑफलाइन भुगतान में ‘नियर फील्ड कम्युनिकेशन’ (एनएफसी) तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- यूपीआई लाइट में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए एक बार में भुगतान करने की सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव।
- बैंकिंग प्रणाली में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने सहित विभिन्न कारकों से उत्पन्न अधिशेष तरलता को सोखने के उपाय की घोषणा की गई।
- नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4.5 प्रतिशत पर कायम।
- चालू वित्त वर्ष के दौरान चालू खाता घाटा पूरी तरह प्रबंधन के दायरे में।
- 2023-24 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह में उछाल बना हुआ है। आठ अगस्त तक शुद्ध एफपीआई प्रवाह 20.1 अरब डॉलर पर। 2014-15 के बाद सबसे ऊंच स्तर पर।
- अप्रैल-मई 2023 के दौरान शुद्ध एफडीआई गिरकर 5.5 अरब डॉलर पर, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 10.6 अरब डॉलर था।
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4-6 अक्टूबर को होगी।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पूरा ध्यान महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाने का है। उन्होंने कहा कि टमाटर की कीमतों में उछाल के साथ ही अनाज और दालों की कीमतों में आयी तेजी से महंगाई बढ़ी है लेकिन अब सब्जियों की कीमतों में कमी आने का पूरी उम्मीद है।
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