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Jalandhar में आखिर जानबूझकर क्यों लगवाई जाती हैं सैंकड़ों अवैध पटाखों की दुकानें? इस तरीके का इस्तेमाल करके सरकार कमा सकती है करोड़ों रुपए का राजस्व!

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प्रदूषण विभाग, जीएसटी विभाग, फायर विभाग सबको दरकिनार करके फिर अवैध रूप से पटाखे की मार्केट फ़िर शुरू

Buland kesari ;- Jalandhar में आज अजब तमाशा देखने को मिला। यहां धरने के आगे कानून ढीला पड़ गया। जिससे साफ है कि आज के समय में जिसकी लाठी उसी की भैंस है।Punjab

AAP के राज में भी जारी अवैध पटाखा मार्किट

ईमानदारी का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार भी Punjab के हालात बदलने में पूरी तरह से असफल दिखाई दे रही है। कई वर्षों से बर्लटन पार्क में लगने वाली पटाखा मार्केट जो की पूरी तरह से अवैध होती है, इस बार भी यह पटाखा मार्केट लगाई गई है।

20 के लाइसेंस भी जारी नहीं किए, लग गईं 150 दुकानें 

अभी तक पटाखा मार्केट के 20 लाइसेंस भी जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं किए गए। परंतु 100 के करीब दुकानें पार्क में लग भी चुकी हैं। जिनके लिए सरकार और प्रशासन सवालों के कटघरे में खड़े दिखाई देते हैं?

धरने के आगे झुका प्रशासन?

प्रशासन को मिल रही शिकायतों के बाद आज पुलिस ने इनमें से कई दुकानों को बंद करवाने की कोशिश की, तो अवैध दुकानें लगाने वाले पटाखा कारोबारीयों ने डीएवी कॉलेज फ्लाईओवर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरने के आगे प्रशासन और सरकार हमेशा ही बौने साबित हुए हैं।

एक बार फिर इस धरने के आगे सरेंडर करते हुए जिला प्रशासन ने दोबारा ये दुकानें लगवा दीं।

ना GST, न प्रदूषण विभाग और न Fire विभाग की NOC ?

हैरानी की बात है कि बिना जीएसटी विभाग से अनुमति लिए बिना प्रदूषण विभाग और फायर विभाग से एनओसी लिए बिना सैकड़ो अवैध दुकाने हर साल लग जाती हैं। अधिकतर कारोबारीयों पास तो जीएसटी नंबर भी नहीं है। लाखों रुपए के पटाखे बिना बिल के बीच दिए जाते हैं।

तो फिर लाइसेंस का ड्रामा क्यों?

 परंतु सरकार इस अवैध कारोबार को रोकने में पूरी तरह से असफल दिखाई दे रही है। जिस प्रकार आज के धरने के बाद दोबारा पटाखा लगवा दी गई, इससे साफ है कि प्रशासन जो 20 दुकानों को लाइसेंस देता है वह भी महज़ ड्रामा ही है। अगर 20 लाइसेंस देकर 150 दुकानें लगवानी हैं तो 20 लोगों को भी लाइसेंस क्यों देने? क्यों लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है और सरकार लोगों की दोनों हाथों से हो रही इस लूट के लिए प्रशासन और सरकार खुद जिम्मेदार दिखाई दे रहे हैं।

अगर प्रशासन द्वारा डेढ़ सौ लोगों को लाइसेंस दिए जाते तो आज सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त हो सकता था। बिना परमिशन के दुकानें लगवाकर प्रशासन ने साबित कर दिया है कि इस हमाम में सभी नंगे हैं?

पटाखों से कमाया जा सकता है करोड़ों का राजस्व: संजय सहगल 

मामले बारे समाज सेवक संजय सहगल का कहना है कि बर्लटन पार्क में सैंकड़ों दुकानें लगवाकर सरकार का टैक्स चोरी किया जाता है और जनता को मनचाहे दामों में पटाखे बेचकर लूटा जाता है! अगर शहर में 50 जगह पर दशहरा मनाकर पटाखे चलाए जा सकते हैं तो शहर के विभिन्न पार्कों में लाइसेंस देकर पटाखों की दुकानें क्यों नहीं लगवाई जा सकती? जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिलेगा और जीएसटी की हो रही चोरी भी रखेगी। सरकार को इस बारे सख्त कदम उठाना चाहिए ।

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