Jalandhar News / Buland kesari.Com:– जालंधर नगर निगम में आम लोगों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। भगवंत मान सरकार के सारे दावे खोखले साबित करने में लगा नगर निगम online फाइलों को भी सौतेली नज़र से डील करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।
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मामले बारे जानकारी देते हुए विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि नगर निगम के सारे ऑनलाइन फाइलिंग रिकार्ड की अगर पंजाब सरकार जांच करवाए तो एक बड़ा स्कैंडल सामने आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस ऑनलाइन फाइलिंग के ज़रिए रिश्वतखोरी को हवा दी जा रही है।
जानकार बताते हैं कि उसूलन तो यह चाहिए कि अगर रोज़ाना नगर में 100 फाइल्स भी ऑनलाइन नक्शा पास करवाने के लिए आती हैं तो होना यह चाहिए कि जो फाइल पहले आई हो उसे पहले डील करके क्लीयर किया जाए, जो बाद में आई हो उसे बाद में क्लीयर किया जाए।
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लेकिन नगर निगम में सब उल्टा हो रहा है। यहां जिस फाइल के साथ रिश्वत का ठप्पा होता है उसे पहले डील किया जाता है और जो बिना रिश्वत के होती है उसे कोई न कोई ऑब्जेक्शन लगाकर पेंडिंग में डाल दिया जाता है। ऐसी ही परेशानियों से भरे लोग नगर निगम कार्यालय में आम ही घूमते मिल जाएंगे। जिनसे बात करने पर पता चलता है कि लोगों को कैसे रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है।
जब्कि मामले बारे एक माहिर नक्शा नवीस बताते हैं कि पुड्डा में यही सिस्टम है कि जिसकी ऑनलाइन रिक्वेस्ट पहले आई हो उसे पहले ही डील करना होता है, अगर आप बाद में आई रिक्वेस्ट को पहले उठाना भी चाहे तो इसकी अनुमति सिस्टम नहीं देता।
जानकार बताते हैं कि नगर निगम में जब कोई सरकारी बाबू किसी फाइल को बिना किसी कारण ही पेंडिंग में रख छोड़ देता है तो उसे सिस्टम ऑटो बाउंस करके उसके सीनियर अधिकारी के सिस्टम में भेज देता है पर अधिकारी जब देखता है कि इसे नीचे ऑब्जेक्शन लगाकर रोका गया है तो वह उसे या तो वापिस जूनियर बाबू के पास भेज देता है। या फिर कई कई महीने उस फाइल को देखा भी नही जाता कि इसका क्या करना है। जिस कारण आवेदक की फाइल सिस्टम में ही बाउंसिंग करती रहती है।
माहिर जानकारों का कहना है कि अगर भगवंत मान नगर निगम के ऑनलाइन सिस्टम का डाटा निकलवा कर उसकी जांच करवाई तो यह एक बड़ा घोटाला बनकर सामने आ सकता है जिसमें रिश्वतखोरी का पर्दाफाश हो सकता है।
मामले बड़े जॉइंट कमिश्नर नगर निगम पुनीत शर्मा से बात की गई तो उन्होंने मौके पर ही एमटीपी विजय कुमार को बुलाया। जिन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल में काफी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल में फाइलें सर्च करने को लेकर , फाइलों पर कमेंट करने को लेकर या उन्हें फॉरवर्ड करने को लेकर परेशानी आ रही है। जिसे लेकर कई बार इस पोर्टल को अपडेट करने हेतू संबंधित अधिकारियों को मेल से भी की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा गत दिनों इस बारे उच्च अधिकारियों से बैठक भी हुई है व उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक पोर्टल सही से काम करने लगेगा और पेंडिंग फाइलों का निपटारा हो पाएगा।
अब देखना ही होगा कि जालंधर से संबंधित निकाय मंत्री होने के बावजूद जालंधर नगर निगम की इस कदर बदल हालत को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं।
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