बुलंद केसरी न्यूज, चंडीगढ़ः (New Chandigarh) martyrdom of Colonel Manpreet singh-जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में न्यू चंडीगढ़ के रहने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह शहीद हो गए है। शहादत का जाम पीने वाला यह जाबाज न्यू चंडीगढ़ के भड़ौजिया गांव का रहने वाला था। कर्नल के शहीद होने की सूचना उनके छोटे भाई संदीप सिंह को शाम करीब 5.30 बजे फोन पर मिली थी। कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत का पता चलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हर कोई उनकी बहादुरी के चर्चे कर रहा है उनका शव आज दोपहर मोहाली पहुंचने की संभावना है बता दें कि उनकाअंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, Colonel Manpreet singh की तैनाती 19 राष्ट्रीय राइफल्स में थी और वह कमांडिंग ऑफिसर थे। 2020 के बाद से वह जम्मू-कश्मीर में थे कर्नल मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह ने बताया कि शहीद होने से दो दिन पहले ही कर्नल मनप्रीत ने फोन पर घर छुट्टी आने की सूचना दी थी, जिसको लेकर सभी खुश थे। उन्होंने बताया कि मनप्रीत सिंह 3 साल पहले ही लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल पद पर पदोन्नत हुए थे और वह शादीशुदा थे। उनका 7 साल का बेटा कबीर सिंह और ढाई साल की बेटी बानी है। उनकी पत्नी जगमीत कौर सरकारी स्कूल में टीचर है आजकल उनकी तैनाती मोरनी पंचकूला में हैं। शहीद कर्नल ने केंद्रीय विद्यालय मुल्लापुर से 12वीं तक की पढ़ाई की थी।
संदीप सिंह ने बताया कि उनकी मां को अभी मनप्रीत के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है पर पूरा गांव गमगीन है, क्योंकि उन्होंने एक ऑफिसर के साथ-साथ लाडला बेटा भी खो दिया है। गमगीन माहौल में संदीप सिंह ने कहा कि मनप्रीत पढ़ने में काफी होशियार था और उनके पिता जो आर्मी में थे तो उन्होंने उनकी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय में करवाई। मनप्रीत 12वीं कक्षा मुल्लापुर गरीबदास में स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ा और उसके बाद गैजुएशन करने के बाद 2003 में आर्मी ज्वाइन कर ली। भाई संदीप सिंह के आंसू छलक जाते हैं और वह कहते है कि मनप्रीत 4 माह पहले गांव आए थे और वह सभी के लाडले थे। मनप्रीत मिलनसार थे और सभी को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
बताया जा रहा है कि उनके पिता अपनी रिटायरमेंट के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम करने लग गए थे और उनकी मृत्यु जॉब के दौरान हुई थी। इसलिए शहीद मनप्रीत सिंह के छोटे भाई संदीप सिंह को नॉन टीचिंग स्टाफ में भर्ती किया गया था। वह अभी पंजाब यूनिवर्सिटी में ही काम करते हैं।
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