गुरुग्राम के तिगरा गांव में छह अप्रैल को हुई एक ‘महापंचायत’ में एक अगस्त को इमाम की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार युवकों की रिहाई की मांग की गई और पुलिस को सात दिन का अल्टीमेटम दिया गया. पंचायत ने सेक्टर 57 में स्थित अंजुमन मस्जिद को हटाने की भी मांग की है. साथ ही ये भी कहा कि यह क्षेत्र हिंदू बहुल है.
गुरुग्राम नगर निगम के निवर्तमान पार्षद महेश दायमा ने कहा कि समिति सोमवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर इमाम हत्याकांड में गांव से गिरफ्तार किए गए चार युवकों की रिहाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करेगी. सभी विधायकों और मंत्रियों को भी समान मांगों के साथ एक ज्ञापन सौंपा जाएगा. पंचायत की एक मांग यह भी है कि पुलिस के गांव में घुसने और लगातार छापेमारी करने पर रोक लगाई जाए. तिगरा गांव में मोहम्मदपुर गांव के सरपंच अत्तर सिंह की अध्यक्षता में महापंचायत हुई. धारा 144 लागू होने के बावजूद आसपास के 100 से अधिक गांवों के करीब 700 लोग इसमें शामिल हुए.
गांव वाले देंगे सामूहिक गिरफ्तारी
महापंचायत की बैठक में पंचायत के सदस्यों में सोहना के वर्तमान और पूर्व विधायक, संजय सिंह व तेजपाल तंवर और कई पार्षद व सरपंच शामिल हैं. सिंह और तंवर दोनों बीजेपी के नेता हैं. वजीराबाद गांव के पूर्व सरपंच सूबे सिंह बोहरा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए युवक निर्दोष हैं. अगर उन्हें रिहा नहीं किया गया तो गांव वाले सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देंगे. जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें शाम तक नूंह में भड़की हिंसा की जानकारी नहीं थी.
उन्होंने कहा, “हमें ऐसा मुख्यमंत्री नहीं चाहिए. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. हमें ऐसे समय के लिए योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री की जरूरत है, या फिर नूंह को उत्तर प्रदेश में ले लीजिए. ऐसी हिंसा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.” तिगरा और आसपास के गांवों में भारी सुरक्षा की तैनाती के बीच पंचायत हुई. पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियों ने सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक इलाकों में गश्त की. बता दें कि 26 वर्षीय नायब इमाम मोहम्मद साद की मंगलवार तड़के यानी एक अगस्त को अंजुमन मस्जिद पर भीड़ द्वारा किए गए हमले के दौरान हत्या कर दी गई थी. यह हमला गुरुग्राम से सटे नूंह के खेडली चौक पर विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर पथराव के कुछ घंटों बाद हुआ था. पंचायत ने मामले पर नजर रखने के लिए 101 लोगों की एक समिति बनाई. पंचायत ने कहा कि यदि युवकों को रिहा नहीं किया गया तो एक ‘बड़ा फैसला’ लिया जाएगा.
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