Buland kesari;-: (PM e-drive Subsidy Scheme )भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (PM e-drive) योजना के तहत, मोदी सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसका लक्ष्य प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाना है। यह योजना फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FEME) योजना की जगह लेगी, जो मार्च में समाप्त हो गई थी।
PM e-drive योजना के तहत कौन-कौन से वाहन लाभान्वित होंगे?
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया (e-scooters और e-motorcycles), इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e-auto rickshaws), इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक बस और इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस को सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उनकी कीमतें पहले से ही संतुलित हैं और लोगों का रुझान बढ़ रहा है।
कितनी आर्थिक सहायता मिलेगी?
PM e-drive योजना के तहत, कुल 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, 88,500 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इस योजना के लिए सरकार ने दो साल के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
राज्य परिवहन निगमों को मिलेगी विशेष सहायता
इस योजना के अंतर्गत, राज्य परिवहन निगमों को 14,028 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। इसके लिए 4,391 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। विशेष रूप से, 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद – को इस योजना के तहत विशेष सहायता मिलेगी। केंद्रीय इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट (CESL) द्वारा इन शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की मांग का मूल्यांकन किया जाएगा।
चार्जिंग स्टेशन और फास्ट चार्जर का विस्तार
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री धीमी हो रही है, और इसका एक बड़ा कारण चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। PM e-drive योजना के तहत, केंद्र सरकार ने 70,000 फास्ट चार्जर लगाने की योजना बनाई है। इसमें इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, इलेक्ट्रिक बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर, और इलेक्ट्रिक दोपहिया और थ्री-व्हीलर के लिए 48,400 फास्ट चार्जर शामिल हैं। इसके लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस नई योजना के साथ, मोदी सरकार का लक्ष्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़े और प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके। साथ ही, चार्जिंग स्टेशन की कमी को भी दूर किया जाए, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आए।
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