पीएम मोदी पर बनी BBC की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री-इंडिया: द मोदी क्वेश्चन की दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(JNU) में स्क्रीनिंग के दौरान जबर्दस्त हंगामा हो गया। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए जेएनयू छात्र संघ कार्यालय में मंगलवार को एकत्र हुए कई छात्रों ने दावा किया कि कार्यक्रम को रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिजली और इंटरनेट काट दिया और उन पर पत्थर फेंके जाने के बाद विरोध प्रदर्शन किया।
उधर, केरल के कुछ कॉलेजों में भी स्क्रीन को लेकर बवाल हुआ है। स्क्रीनिंग के विरोध में भाजपा यूथ विंग ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को सत्तारूढ़ माकपा की यूथ विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया(DYFI) ने स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगंड बताया था।
पत्थरबाजी के खिलाफ पुलिस थाने तक मार्च, पढ़ें 20 बड़ी बातें
1. बता दें कि डॉक्यूमेंट्री का दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज करने का ऐलान किया गया था। इसे दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(JNU) में दिखाया जाना था, हालांकि मैनेजमेंट ने स्क्रीनिंग रद्द कर दी थी। जेएनयू प्रशासन ने कहा कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री कैंपस की शांति भंग कर सकती है। JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा-हमने 25 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे तहकीकात करेंगे। जिन लोगों को चोट लगी है वे भी इलाज के बाद कल पुलिस स्टेशन में अपना बयान देंगे। जेएनयू प्रशासन से भी हम कल शिकायत करेंगे।
2. इससे पहले JNU कैंपस में स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को लेकर छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर किया था। फिर मंगलवार को इसकी स्क्रीनिंग की गई, तभी यह हंगामा हो गया।
3. हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय(Hyderabad Central University) में एक स्टूडेंट्स ग्रुप ने भी रविवार को यूनिवर्सिटी कैम्पस के अंदर डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड की स्क्रीनिंग की थी। पुलिस खुद से संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कर रही है।
4.JNU में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले छात्रों ने दावा किया कि उन पर तब हमला किया गया, जब वे अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, क्योंकि स्क्रीनिंग नहीं हो सकी थी।
5. कुछ ने आरोप लगाया कि हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य थे। हालांकि इस आरोप को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध इस छात्र संगठन ने खारिज किया।
6.बाद में रात में, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शनकारी छात्रों ने कथित तौर पर पत्थरबाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए वसंत कुंज पुलिस स्टेशन तक मार्च किया।
7.कैंपस में बिजली कटौती पर जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया, “विश्वविद्यालय में एक बड़ी (बिजली) लाइन की खराबी है। हम इसे देख रहे हैं। इंजीनियरिंग विभाग कह रहा है कि इसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।”
8.छात्रों के आरोपों और दावों पर जेएनयू प्रशासन की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसने सोमवार को एक परामर्श में कहा था कि संघ ने आयोजन के लिए उसकी अनुमति नहीं ली थी और इसे रद्द किया जाना चाहिए। मैनेजमेंट ने कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
9.हालांकि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने पहले ही दिन में एक बयान में कहा था कि डॉक्यूमेंट्री या फिल्म की स्क्रीनिंग के माध्यम से किसी भी प्रकार के वैमनस्य पैदा करने का कोई इरादा नहीं है।
10. हालांकि छात्रसंघ ने प्रशासन से उन नियमों के बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा है, जो अनिवार्य करते हैं कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी फिल्म या वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। जेएनयू-ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की सचिव मधुरिमा ने कहा, “कुछ छात्रों ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पथराव करते देखा और उन्हें पहचान लिया।”
11.मधुरिमा ने कहा कि साथ ही एक शिक्षक ने कुछ समय पहले फोन किया था कि कुछ गुंडे मास्क पहने हुए हैं। वे मुख्य द्वार के आसपास हैं और हथियारों के बारे में बात कर रहे हैं।
12.एबीवीपी ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि वे मौके पर मौजूद नहीं थे। एबीवीपी दिल्ली के मीडिया संयोजक अंबुज ने कहा, ”हम मौके पर नहीं गए और वहां हमारा (छात्र संघ) कोई नहीं था।
13.स्क्रीनिंग नहीं होने पर मौके पर मौजूद आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, “उन्होंने (जेएनयू प्रशासन ने) बिजली और इंटरनेट काट दिया है।”
14. बालाजी ने कहा कि छात्रों ने इसे देखने और शेयर करने के लिए एक एप्लिकेशन के माध्यम से अपने मोबाइल-फोन पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड की थी।
15. स्क्रीनिंग के लिए गए असरार अहमद ने कहा, “हम शांति से (अपने फोन पर) डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने हम पर पत्थर फेंके। अंधेरा होने के कारण पत्थर फेंकने वालों की पहचान नहीं हो सकी।”
16.हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस को पथराव की किसी घटना की सूचना नहीं मिली है।
17. एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट कासिम ने कहा कि जेएनयूएसयू ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया। हालांकि, जेएनयू प्रशासन ने कहा कि कार्यक्रम के लिए कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। इस तरह के आयोजन से पहले ऐसी किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन ने बिजली की सप्लाई काट दी। डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया गया।
18.कासिम ने कहा, “विश्वविद्यालय परिसर में भय का माहौल है। हमने छात्रों को गेट की ओर लामबंद करने की कोशिश की, लेकिन गुंडे वहां भी थे। इसलिए, हमने बिजली बहाल करने की मांग को लेकर थाने की ओर मार्च करने का फैसला किया।”
19.आइसा-जेएनयू ने एक बयान में कहा, “जेएनयूएसयू ने आज रात 9 बजे टेफ्लास में इंडिया: द मोदी क्वेश्चन की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। निर्धारित स्क्रीनिंग समय से ठीक 30 मिनट पहले, पूरे जेएनयू परिसर में बिजली कनेक्शन आश्चर्यजनक रूप से फेल हो गया।”
20.बयान में कहा गया कि फिर भी छात्र अपने लैपटॉप और ब्लूटूथ स्पीकर के साथ स्क्रीनिंग के लिए कार्यक्रम स्थल पर एकत्र हुए।
21. बयान में कहा गया-“छात्रों ने कई बाधाओं के बावजूद वृत्तचित्र देखने का संकल्प लिया था। जब छात्र शांतिपूर्वक लैपटॉप पर वृत्तचित्र देख रहे थे, तब एबीवीपी के गुंडों ने अंधेरे में छात्रों पर अचानक पथराव और कांच की बोतलें तोड़नी शुरू कर दीं।”
22.छात्रों के संगठन ने कहा कि छात्र किसी तरह कार्यक्रम स्थल से भागे और विरोध में मुख्य द्वार की ओर मार्च किया। छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध के दौरान भी, ABVP के गुंडों ने बार-बार पथराव किया और कई छात्रों पर हमला किया। बढ़ती अराजकता के बीच कई महिला छात्रों को परेशान किया गया।”
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