Buland kesari ;- फगवाड़ा सिविल अस्पताल में आज तब हड़कंप मच गया जब बिजली जाने के बाद अस्पताल के मेन विधुत कंट्रोल रूम में अचानक आग लग गई। इसके कारण आज सिविल अस्पताल में लंबे समय तक बिजली न होने के कारण ब्लैक आऊट जैसे हालात बन गए, जिससे रोगियों को भारी परेशानी में पाया गया है। जानकारी अनुसार बिजली की आपूर्ति ठप्प होने के पश्चात जब अस्पताल में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों द्वारा जनरेटर को स्टार्ट किया गया तब अस्पताल के मेन विद्युत कंट्रोल रूम में लगे चेंज ओवर सहित हाई पावर बिजली की तारों में आग लग गई।
इसके पश्चात अस्पताल में बिजली की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई और अस्पताल में मौजूद रोगियों में दहशत और डर का माहौल बन गया। जारी घटनाक्रम के दौरान सिविल अस्पताल के प्रबंधन द्वारा मेन विद्युत कंट्रोल रूम में लगी आग की सूचना दमकल विभाग फगवाड़ा को दी गई। इसके तुरंत बाद घटनास्थल पर फायर टैंडर वाहन सहित पहुंची दमकल विभाग की टीम ने तारों को लगी आग को फायर कर्मियों की सहायता से बहादुरी और साहस का परिचय देते हुए भरसक प्रयास कर नियंत्रण में किया।
जानकारों के अनुसार यदि समय रहते अस्पताल के मेन विधुत कंट्रोल रूम में लगी भयानक आग को काबू में न किया जाता तो अस्पताल में बड़ी त्रासदी घट सकती थी। लेकिन संयोगवंश समय रहते सबकुछ पता लगने और फिर चले राहत कार्यों के सदके किसी भी तरह का जानी नुक्सान नहीं हुआ हैं। हालांकि अस्पताल के मेन विधुत पैनल केंट्रोल रूम में क्षति अवश्य हुई हैं।
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कैसे लगी आग?
सवाल यहीं हैं कि सिविल अस्पताल के विद्युत कंट्रोल रूम में आग कैसे लगी हैं? इसे लेकर जहां भारी चर्चाओं का दौर जारी है वहीं सरकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की हैं कि उक्त अग्निकांड बिजली जाने के बाद जनरेटर को चलाने पश्चात हुए विद्युत शार्ट सर्किट के कारण ही घटा है। अस्पताल में घटे अग्निकांड की सूचना फगवाड़ा पुलिस को दे दी गई है। समाचार लिखे जाने तक सिविल अस्पताल का सरकारी प्रबंधन और दमकल विभाग की टीम द्वारा आग लगने के सटीक कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है। मामला लोगों में भारी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत जनरेटर सेटों सहित मेन विधुत कंट्रोल पैनल की रूटीन में सरकारी स्तर पर चैकिंग और सर्विस होनी जनहित में अनिवार्य हैं। अब सवाल यह है कि यदि फगवाड़ा के सिविल अस्पताल जहां आपातकालीन कक्ष में 24 घंटे रोगियों का आना लगा रहता है और अस्पताल में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं प्रसूति और अन्य रोगी अपना इलाज करवाने हेतु भर्ती होते हैं वहां पर क्या रूटीन में मेन विधुत कंट्रोल पैनल सहित हाई पॉवर जनरेटर की सर्विस अथवा चैकिंग आदि नहीं हो रही है?
यदि मामला विधुत शार्ट सर्किट का भी रहा है तो क्या यहां पर नियमित तौर पर बिजली सप्लाई बंद होने के बाद जनरेटर चालू करने को लेकर जरूरी सुरक्षा उपाय और आधुनिक यंत्र नहीं लगाए गए हैं? इसकी जनहित में पंजाब सरकार, जिलाधीश कार्यालय कपूरथला द्वारा उच्च स्तर पर जांच करवानी चाहिए और भविष्य में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोबारा फिर कभी ऐसा ना हो।
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