पंजाब में फल-फूल की पौधों वाली नर्सरी के संचालक अब खराब पौधे नहीं बेच सकेंगे। ऐसा करने पर उन्हें अधिकतम 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। पंजाब सरकार जल्द ही राज्य में बागबानी से जुड़े पौधों वाली नर्सरी को लेकर नए नियम लागू करने की तैयारी में है।
पंजाब फ्रूट नर्सरी एक्ट, 1961 के तहत तैयार नए संशोधित नियमों में नर्सरी संचालकों को न केवल उत्तम क्वालिटी के पौधे बेचने होंगे बल्कि इन पौधों का पूरा रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ नर्सरी की मिट्टी को लैबोरेटरी से जांच करवाकर रोगमुक्त रखना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नए नियमों के मुताबिक जांच अधिकारी को किसी भी समय नर्सरी की जांच का अधिकार होगा। जांच अधिकारी के पास नर्सरी में खराब पौधों को तत्काल नष्ट करने की शक्तियों के अलावा खराब पौधों की संख्या के हिसाब से जुर्माना करने का प्रावधान होगा।
100 रोगयुक्त या खराब पौधे मिलने पर 10 हजार रुपए तो 500 से ज्यादा पौधे मिलने पर अधिकतम 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। जुर्माने से पहले विभाग नर्सरी संचालकों को सुधार का समय देगा। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से रोगमुक्त पौधे तैयार करने की ट्रेनिंग लेनी अनिवार्य होगी। फिर भी सुधार न किया तो जांच अधिकारी के पास नर्सरी को बंद करने का भी अधिकार होगा। पंजाब बागबानी विभाग ने 1961 के एक्ट को आधार बनाकर तैयार किए नियमों में फ्रूट की जगह हार्टिकल्चर शब्द को शामिल किया है ताकि पौधों के दायरे को विस्तार दिया जा सके।
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