राजस्थान के भरतपुर जिले के नदबई कस्बे में भीमराव आंबेडकर और महाराजा सूरजमल की प्रतिमाएं लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद बुधवार देर रात हिंसा में तब्दील हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया और भरतपुर-नदबई राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, घटना नदबई के बेलारा गांव की है, जहां बेलारा चौराहे पर 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के मौके पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की योजना है, लेकिन जाट समाज इस स्थान पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाना चाहता है। भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने नदबई कस्बे के कुम्हेर चौराहा, बेलारा चौराहा और नगर चौराहा पर भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल, भीम राव आंबेडकर और भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय किया था, लेकिन नौ अप्रैल को जाट समाज के लोगों ने प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
उन्होंने गांव के मुख्य स्थान बेलारा चौराहा पर आंबेडकर की जगह सूरजमल की प्रतिमा लगाने की मांग की। यह धरना 10 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा प्रतिमाओं की जगह बदलने की मांग को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद वापस ले लिया गया था। जाट समाज के लोगों को जब पता चला कि उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी, तो तनाव बढ़ गया, क्योंकि विश्वेंद्र सिंह ने बुधवार शाम नदबई में प्रेस कांफ्रेस के जरिये घोषणा की कि बेलारा चौराहा पर आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
नदबई के सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जोगेंद्र सिंह ने कहा कि उग्र ग्रामीणों को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नदबई पंचायत समिति के उप प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा, “हमें किसी जाति से ईर्ष्या नहीं है, लेकिन हम मुख्य चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे हैं।” अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर आंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव है, वहां पुलिस तैनात की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है।”
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