Jalandhar/ RTO office news; जालंधर आरटीओ में सख्त आदेश हैं कि सरकारी दफ्तर के अंदर कोई भी प्राइवेट एजेंट नहीं जाना चाहिए। इसके बावजूद ई-रिक्शा का काम करने आए एक एजेंट ने आरटीओ दफ्तर के अंदर जाने को लेकर गुरप्रीत नामक सेवादार के साथ बुरा बर्ताव और नोंक झोंक की!
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जानकारी के अनुसार सेवादार ने कहा कि दफ़्तर के अंदर एजेंट को जाने की आज्ञा नहीं है,अगर अपने अंदर जाना है तो मुझे बड़े साहिब से कहलवा दें, जिसके बाद दोनों में काफी तीखी बहसबाजी हुई।
जिसके बाद माहौल गर्मा गया और सेवादार ने उक्त एजेंट को दफ़्तर में नहीं जाने दिया। आखिर उसे लाइन में लगकर ही अपना काम करवाना पड़ा।
बता दें कि आरटीओ दफ्तर में फैला एजेंटों का मायाजाल टूटने का नाम नहीं ले रहा। ये एजेंट आम लोगों से जल्दी काम करवाने के नाम पर सरकारी फीस से हज़ारों रुपए अधिक चार्ज करते हैं। नई आरसी बनाने की ई रिक्शा की सरकारी फीस है ₹500 है और अगर ई रिक्शा फाइनेंस हुई है किसी बैंक से तो उसकी सरकारी फीस ₹2000 जमा होती है। परंतु एजेंट इसी काम के ₹3500 से 4500 ले लेते हैं!
आरटीओ को चाहिए कि आदेश जारी करें कि अपना काम करवाने एप्लीकेंट खुद आरटीओ दफ्तर आए। ताकि एजेंटो का मायाजाल टूट सके और लोगों की दोनों हाथ से हो रही लूट भी बंद की जा सके।
वहीं इस मामले में दफ्तर के कर्मचारियों का कहना है कि आरटीओ का चार्ज एसडीएम के पास एडिशनल तौर पर है। इसलिए एसडीएम साहब को चाहिए कि वह कुछ समय रोजाना आरटीओ दफ्तर में भी आकर बैठें ताकि एजेंटो पर उनका डर बना रहे और विभाग में कार्यरत प्राइवेट करिंदों और एजेंटों की गुटबंदी टूट सके और भ्रष्टाचार पर रोक लग सके।
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