Buland Kesari :- Kanpur incident :- कानपुर भौंती हाईवे पर हुए हादसे ने 5 परिवारों को जीवन भर का ज़ख्म दे दिया। हादसे में किसी ने बेटी खोई तो किसी का इकलौता चिराग बुझ गया। माता-पिता के साथ भाई-बहनों ने जो सपने देखे थे, वे भी एक पल में चकनाचूर हो गए। इस हादसे ने परिवारों के अरमानों को चकनाचूर कर दिया और ऐसा गम दिया जो जीवन भर नहीं भुलाया जा सकता है। मॉच्यूरी से पोस्टमार्टम तक केवल चीखें ही सुनाई दे रहीं थी।दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे भौंती हाईवे के पास हुए भीषण सड़क हादसे में पीएसआईटी के 4 छात्रों समेत 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तेज़ रफ्तार डंपर ने ब्रेक लगाया तो पीछे से पीएसआईटी के छात्रों के लेकर कॉलेज जा रही वैगनआर कार उसमें जा घुसी। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता तब तक कार के पीछे से सरिया लादकर आ रहे ट्रॉला ने भी उसमें ज़ोर की टक्कर मार दी। ट्रॉला की टक्कर इतनी तेज़ थी कि उसका अगला हिस्सा डंपर से जा मिला और दोनों के बीच फंसी कार लोहे का टुकड़ा बनकर रह गई।डंपर के पीछे घुसी पीएसआईटी के छात्रों की कार को ट्रॉला ने इतनी ज़ोर की टक्कर मारी थी कि करीब सात फीट की ऑल्टो पिचक कर लोहे का टुकड़ा बन गई। कार में कितने लोग और कौन कहां बैठा था, यह पहचानना मुश्किल था। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सचेंडी थाना पुलिस, डीसीपी वेस्ट समेत कई थानों की फोर्स व दमकल की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। करीब 40 मिनट तक कटर और हाइड्रोलिक कटर की मदद से पुलिस ने कार की छत और दरवाज़ों को काटा, तब जाकर छात्रों और चालक के शवों को कार से बाहर निकाला जा सका।
कटर की मदद से कार का बांया दरवाज़ा काटा तो सबसे पहले ग्रे जींस वाला पैर और काली घड़ी वाला हाथ दिखाई दिया। यह प्रतीक था, जो ड्राइवर के बगल में बैठा था। इसके बाद दूसरी ओर से दरवाज़ा काटने पर ड्राइवर विजय साहू का शव दिखा। स्टेयरिंग उसकी पसलियों से सटा था और गर्दन दायीं ओर घूमी थी। इसके बाद कार को थोड़ा और काटने पर कुर्ती और बाल दिखे, यह छात्रा गरिमा त्रिपाठी का शव था। इसके बाद पीछे बैठी आयुषी पटेल और ग्रे जींस व चेकदार शर्ट पहने सतीश कुमार के शव काफी मशक्कत के बाद निकाले जा सके। सभी शव कांच के टुकड़े घुसने से छलनी हो चके थे।प्रत्यक्षदर्शी विश्वास शुक्ला ने बताया कि हादसा होते ही कार में फंसे चालक विजय साहू और चारों छात्र की चीख पुकार सुनकर राहगीरों ने किसी तरह डंपर को धकेलकर आगे किया। तब तक पुलिस भी पहुंच गई। कार में खून से सने बैग और यूनीफार्म देखकर पीएसआईटी प्रबंधन को सूचना दी गई। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया गया। शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी हैरान थे। सिर से लेकर पैर तक हड्डियां इतनी जगह से टूटी थी कि उनको गिनना भी मुश्किल था। मॉच्यूरी से पोस्टमार्टम तक केवल चीखें ही सुनाई दे रहीं थी। मंगलवार सुबह सभी का अंतिम संस्कार होगा।
Kanpur incident;- पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया- सभी के शव पूरी तरह से क्रश हो गए। इतनी जगह से हड्डियां टूटी है कि गिनना मुश्किल हो गया। इस वजह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर को पूरी तरह क्रश होना दिखाया गया है। वहीं सोमवार शाम पांचो शव जब घर पहुंचे तो पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों को रोता- बिलखता देख मोहल्ले वालों की आंखें भी नाम हो गईं। हर किसी की ज़ुबान पर बस एक ही बात थी कि बहुत दुखद हादसा हुआ। इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता कि पिता के कंधे पर बच्चे की अर्थी उठे। रात में सनिगवां के लोगों के घर चूल्हा तक नहीं जला। हर कोई दरती परिवार के लोगों की दर संभव मटट करने में जटा रटा।गरिमा के चाचा श्याम त्रिपाठी ने बताया कि सभी बच्चे एक ही मोहल्ले के थे और साथ निकलते थे। आज भी कॉलेज जाने के लिए निकले थे। करीब पौन घंटे बाद हमें सूचना मिली की एक्सीडेंट हो गया। वहीं छात्र प्रतीक के पिता राजेश सिंह ने मामले में सचेंडी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें दोनों ट्रक चालकों को गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपी बनाया गया है। दोनों ट्रक चालक मौके से भाग निकले थे लेकिन पुलिस ने ट्रैकों को कब्ज़े में ले लिया है। ट्रक के मालिकों से संपर्क करके ड्राइवर का पता लगाया जा रहा है। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही ट्रक चालकों को अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा।
Kanpur incident:- डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया- kanpur-Delhi नेशनल हाईवे पर सचेंडी थाना क्षेत्र के भौंती हाईवे पर पीएसआईटी कॉलेज से डेढ़ किलोमीटर पहले एक कार का एक्सीडेंट हो गया। तेज़ रफ़्तार ट्रक ने आगे चल रही कार को पीछे से टक्कर मार दी। इससे कार आगे चल रही ट्रक से टकरा गई। दो ट्रकों के बीच आने से कार पूरी तरह से पिचक गई। मृतकों में पीएसआईटी की बीटेक फर्स्ट ईयर कंप्यूटर साइंस की छात्रा आयुषी पटेल (18), थर्ड ईयर की छात्रा गरिमा त्रिपाठी (19). थर्ड ईयर के छात्र शतीश सिंह (21).फोर्थ ईयर के छात्र प्रतीक सिंह (22) और सनिगवां निवासी ड्राइवर विजय साहू (54) शामिल हैं।
Kanpur incident :- मले में गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
इस भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाली आयुषी पटेल (18) के पिता रमाशंकर पटेल हमीरपुर में फार्मासिस्ट हैं। परिवार में मां समता और एक भाई आयुष है। जो ग्यारहवीं का छात्र है। परिवार सनिगवां में केआर एजुकेशन सेंटर के पास रहता है। आयुषी पीएसआईटी से कंप्यूटर साइंस फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। पिता की दुलारी आयुषी की मौत ने पूरे परिवार की खुशियां छीन ली। Kanpur incident:- दीपावली पर परिवार आयुषी संग खुशियां मनाने की सोच रहा था, मगर हादसे ने सबकुछ खत्म कर दिया। आयुषी की ममेरी बहन शालिनी उमराव सबसे पहले हैलट पहुंचीं। शव देख उनके हाथ पैर कांपने लगे। बोलीं कि विश्वास नही हो रहा, कल ही तो शालिनी से बात हुई थी।हैलट पहुंचे प्रतीक सिंह (22) के परिजन उसका शव देखकर फफक पड़े। बोले- यह हमारा प्रतीक ही है। प्रतीक (ईसी) में फोर्थ ईयर का छात्रा था। परिवार में पिता राजेश सिंह गढ़ी पाली स्थित उदय भारती इंटर कॉलेज के प्रबंधक हैं। मां मायादेवी गृहणी हैं। परिवार में दो बहनें 25 साल की शिखा उर्फ पारूल और 27 साल की साक्षी उर्फ काजल है। शिखा पीएचडी की तैयारी कर रही है जबकि साक्षी गुड़गांव में नौकरी कर रही है। दो माह बाद शिखा की शादी होनी है। परिवार में शिखा की शादी की तैयारियां चल रही थी। हादसे से शादी की खुशियां भी मातम में तब्दील हो गई हैं। पूरा परिवार सेन पश्चिम पारा थाना क्षेत्र स्थित करौली गांव में रहता है।
Kanpur incident:- डेटा साइंस से बीटेक कर रहे थर्ड ईयर के छात्र सतीश सिंह (21) की मौत की खबर सुनकर हैलट पहुंचे पिता रमेश चंद्र व भाई नितिश का रो रोकर बुरा हाल था। सतीश का शव देख पिता-पुत्र एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे। पिता रमेश चंद्र छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं, वहीं नितीश चंदौली में सीआरपीएफ में दरोगा के पद पर कार्यरत है। Kanpur incident:- परिवार में मां संतोष कुमारी हैं। दशहरे की छुट्टी में पिता और भाई कानपुर आए थे। भाई नितीश ने बताया कि सतीश कपड़े और जूतों का बहुत शौकीन था। उसने वादा लिया था कि इस बार घर आना तो उसे शॉपिंग ज़रूर कराना। नितीश कह रहा था कि अब किसे शॉपिंग कराएगा।
कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रही बेटी गरिमा त्रिपाठी (19) का शव एंबुलेंस में रखा देख हैलट पहुंची मां रीता बदहवास हो गई। उनकी बहनें 25 साल की शिखा उर्फ पारूल और 27 साल की साक्षी उर्फ काजल है। शिखा पीएचडी की तैयारी कर रही है जबकि साक्षी गुड़गांव में नौकरी कर रही है। दो माह बाद शिखा की शादी होनी है। परिवार में शिखा की शादी की तैयारियां चल रही थी। हादसे से शादी की खुशियां भी मातम में तब्दील हो गई हैं। पूरा परिवार सेन पश्चिम पारा थाना क्षेत्र स्थित करौली गांव में रहता है।
kanpur incident:- डेटा साइंस से बीटेक कर रहे थर्ड ईयर के छात्र सतीश सिंह (21) की मौत की खबर सुनकर हैलट पहुंचे पिता रमेश चंद्र व भाई नितिश का रो रोकर बुरा हाल था। सतीश का शव देख पिता-पुत्र एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे। पिता रमेश चंद्र छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं, वहीं नितीश चंदौली में सीआरपीएफ में दरोगा के पद पर कार्यरत है। Kanpur incident:- परिवार में मां संतोष कुमारी हैं। दशहरे की छुट्टी में पिता और भाई कानपुर आए थे। भाई नितीश ने बताया कि सतीश कपड़े और जूतों का बहुत शौकीन था। उसने वादा लिया था कि इस बार घर आना तो उसे शॉपिंग ज़रूर कराना। नितीश कह रहा था कि अब किसे शॉपिंग कराएगा।
कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रही बेटी गरिमा त्रिपाठी (19) का शव एंबुलेंस में रखा देख हैलट पहुंची मां रीता बदहवास हो गई। उनकी बहनें 25 साल की शिखा उर्फ पारूल और 27 साल की साक्षी उर्फ काजल है। शिखा पीएचडी की तैयारी कर रही है जबकि साक्षी गुड़गांव में नौकरी कर रही है। दो माह बाद शिखा की शादी होनी है। परिवार में शिखा की शादी की तैयारियां चल रही थी। हादसे से शादी की खुशियां भी मातम में तब्दील हो गई हैं। पूरा परिवार सेन पश्चिम पारा थाना क्षेत्र स्थित करौली गांव में रहता है।
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