Buland kesari ;- डोनल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में कहा कि वो कोई युद्ध शुरू नहीं करेंगे, बल्कि खत्म करेंगे। बाइडेन से विरासत में डोनल्ड ट्रंप को दो युद्ध मिल रहे हैं. वेस्ट एशिया और यूक्रेन- रूस संघर्ष का जिक्र ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कर चुके हैं। प्रचार के दौरान उन्होंने दावा किया था वो रूस और यूक्रेन युद्ध को रुकवा देंगे। वहीं वेस्ट एशिया के संघर्ष को लेकर भी उन्होंने कमला हैरिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर वो सत्ता में आई तो इजराइल का नामो निशान खत्म हो जाएगा और सत्ता में आने पर वो इजरायल का खुलकर साथ देंगे। पहले की तुलना में बदला हुआ होगा रुख
अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा कहते हैं कि ‘ट्रंप अपने पिछले पहले कार्यकाल में ईरान को लेकर बेहद आक्रामक रहे थे,आज के हालात में वो चाहेंगे कि ईरान में सत्ता परिवर्तन हो, क्योंकि अमेरिकन आर्मी किसी युद्ध में शामिल होना नहीं चाहेगी। मिडिल ईस्ट में अमेरिका की खोई साख को हासिल करने को लेकर ट्रंप अपनी ओर से पूरी कोशिश करेंगे। जिसके तहत वो नहीं चाहेंगे कि वो इजरायल का साथ देने के लिए किसी युद्ध में उलझें।दिक्कत ये है कि अरब वर्ल्ड में अमेरिका विरोधी सेंटिमेंट बहुत मजबूत हुआ है, जिससे कि सऊदी और कुवैत जैसी प्रो यूएस जैसी सरकारें अमेरिकी नीतियों को समर्थन देने की चुनौती का सामना कर रही हैं। इन देशों में जनमानस मानता है कि इन सरकारों को अमेरिका को लेकर कड़ा रुख रखना होगा। ये अमेरिका के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं।
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