Buland kesari : महाकुंभ में वीआईपी के पहुंचने का सलसिला जारी है। 1 फरवरी को 73 देशों के 116 राजदूत (116 ambassadors from 73 countries) महाकुंभ आएंगे। अरैल घाट पर सभी का भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके बाद 73 देशों के 116 राजदूत महाकुंभ में डुबकी लगाएंगे। यही पर सभी अपने-अपने देश के ध्वज को फहराएंगे। इसके बाद अक्षयवट, सरस्वती कूप और हनुमान मंदिर का भी दर्शन करेंगे। 2019 के कुंभ में भी 73 देशों के राजदूतों को बुलाया गया था।
विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था। पत्र में लिखा था कि रूस और यूक्रेन के राजदूतों समेत 73 देशों के राजनयिक पहली बार महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज आ रहे हैं। जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन, जर्मनी, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पोलैंड और बोलीविया समेत कई देशों के राजनयिक महाकुंभ में शामिल होंगे।
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ये सभी विदेशी राजनयिक नाव के जरिए संगम नोज पहुंचेंगे और पवित्र स्नान करेंगे। यहां से वे अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर के माध्यम से आधुनिक तकनीक के जरिए महाकुम्भ की गहराई को समझेंगे। प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक भ्रमण भी करेंगे, जिसमें यूपी स्टेट पवेलियन, अखाड़े, यमुना कॉम्प्लेक्स, अशोक स्तंभ और अन्य स्थलों का अवलोकन करेंगे।
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इन देशों से पहुंच रहे मेहमान
महाकुम्भ नगर के डीएम (मेलाधिकारी) विजय किरण आनंद ने पुष्टि की कि एक फरवरी को 73 देशों से राजनयिक महाकुम्भ का महात्म्य देखने आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने यूपी के मुख्य सचिव को इसके लिए पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा है कि दुनियाभर के राजनयिक महाकुम्भनगर में बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन करना चाहते हैं। जिन देशों के राजनयिक आ रहे हैं, उनमें जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन बांग्लादेश, जर्मनी के साथ ही आर्मेनिया स्लोवेनिया, हंगरी, बेलारूस, सेशल्स, मंगोलिया, कजाकिस्तान ऑस्ट्रिया, पेरु, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, अलसल्वाडोर, चेक रिपब्लिक, बुल्गारिया, जॉर्डन, जमैका, इरिट्रिया, फिनलैंड, ट्यूनीशिया, फ्रांस, एस्टोनिया, ब्राजील, सूरीनाम, जिंबॉब्वे, मलेशिया, माल्टा, भूटान, लेसोथो, स्लोवॉक, न्यूजीलैंड, कंबोडिया, किरगिज, चिली, साइप्रस, क्यूबा, नेपाल, रोमानिया, वेनेजुएला, अंगोला, गुयाना, फिजी, कोलंबिया, सीरिया, गिनी, म्यांमार, सोमालिया, इटली, बोत्सवाना, परागुआ, आईसलैंड, लातविया, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, थाईलैंड, पोलैंड, बोलिविया शामिल हैं।
महाकुम्भ बना संपूर्ण विश्व का केंद्र
बता दें कि महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। इस महाकुंभ के दौरान कुल छह शाही स्नान हैं। महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। 30-45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ हिंदुओं के लिए काफी मायने रखता है। महाकुंभ 144 साल बाद फिर से आयोजित हो रहा है। माना जा रहा है कि इस महाकुंभ में देश-विदेश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होंगे। यह आयोजन विश्व को भारत की समृद्ध परंपराओं और योग, ध्यान तथा आध्यात्मिकता का परिचय देगा। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी इस आयोजन को सुचारू बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं। विदेशी राजनयिकों के लिए बमरौली हवाई अड्डे पर विशेष वीआईपी लाउंज में नाश्ते का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही टूर गाइड की व्यवस्था भी की गई है। गृह मंत्रालय के 140 कर्मचारियों के लिए नावों का विशेष इंतजाम किया गया है।
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