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सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेपर बैलेट प्रणाली को पुनः लागू करने की मांग

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Buland kesari :- पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज (26 नवंबर) डॉ. के.ए. पाल द्वारा भारत में बैलट पेपर (Ballot Paper) के माध्यम से चुनाव कराए जाने की मांग को खारिज कर दिया है। दायर की गई अन्य याचिकाओं में चुनावों के दौरान पैसे, शराब और अन्य उपहार बांटने वाले उम्मीदवारों को कम से कम 5 साल के लिए अयोग्य ठहराने के लिए चुनाव आयोग (EC) को निर्देश देने की मांग भी की गई थी।सुप्रीम

पिटीशनर के रूप में पेश हुए डॉ. पाल ने शुरुआत में जस्टिस विक्रम नाथ और पी.बी. वरले की बेंच के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की। डॉ. पाल ने इस याचिका के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें हाल ही में लॉस एंजिलिस में आयोजित ग्लोबल पीस सम्मेलन से लौटकर समर्थन मिला है।

उन्होंने कहा, “मैं शनिवार को सम्मेलन की सफलता के बाद वापस आया हूं और मुझे लगभग 180 सेवानिवृत्त आई ए एस, आई पी एस अधिकारियों और न्यायाधीशों से समर्थन मिला है। मैं ग्लोबल पीस का प्रमुख हूं और मैंने 3,10,000 अनाथों और 40 लाख विधवाओं की मदद की है। दिल्ली में हमारे पास 5,000 विधवाएं हैं।”

राजनीतिक क्षेत्र में क्यों शामिल होना चाहते?

जस्टिस नाथ ने पूछा कि वे राजनीतिक क्षेत्र में क्यों शामिल होना चाहते हैं। इस पर डॉ. पाल ने जवाब दिया, “यह राजनीति से संबंधित नहीं है। मैंने 155 देशों का दौरा किया है और पूरी दुनिया में चुनाव बैलट पेपर से होते हैं। दुनियाभर में 180 देश हैं, और तानाशाह देशों को छोड़कर बाकी सभी देशों में बैलट पेपर से चुनाव होते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं पुतिन के साथ रूस गया हूं और असद के साथ सीरिया और चार्ल्स टेलर के साथ लाइबेरिया भी गया हूं। वह अब जेल में हैं, और उनकी पत्नी ने भी शनिवार को सम्मेलन में भाग लिया। इसलिए हम लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।”

अनुच्छेद का उल्लंघन हो रहा

डॉ. पाल ने आगे तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा, “आज संविधान दिवस है।” इस पर जस्टिस नाथ ने टिप्पणी की कि इस मामले की सुनवाई के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है। डॉ. पाल ने अपनी दलीलें जारी रखते हुए कहा कि अनुच्छेद 32 उन्हें अदालत में जाने और तथ्यों को पेश करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, “तथ्य पूरी तरह से स्पष्ट हैं।

सभी को इसके बारे में पता है, लेकिन इसका कोई समाधान क्यों नहीं है?” उन्होंने यह भी कहा, “मैं 43 सालों से मानवता के लिए काम कर रहा हूं और दुनिया के प्रमुख नेताओं और राष्ट्रपतियों का राजनीतिक सलाहकार रहा हूं। यहां तक कि पिछले 6 मुख्यमंत्री और राष्ट्रपतियों जिन में मौजूदा प्रधान मंत्री भी शामिल हैं,ने मेरे सम्मेलन में भाग लिया।” उन्होंने कहा कि 8 अगस्त को नई दिल्ली के ले मेरिडियन में 18 राजनीतिक पार्टियों ने इस याचिका का समर्थन किया था।

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